आज के दौर में इंसानों के अलग अलग अंगों में पाई जाने वाली पथरिया का होना एक सामान्य सी बात हो गई है। यह किडनी, मूत्राशय(bladder), लार ग्रंथियां(salivary gland), अग्न्याशय(pancreas), पित्ताशय की थैली(gall bladder) में ज़्यादा तर पाई जाती है। कहा जाता है के इनका लोगों के शरीर में बनना सदियों से चलता आ रहा है।स्टोन एक तरह से सकत खनिज और नमक का संग्रह होते है और तब पाया जाता है जब पेशाब में ज़्यादा मात्र में क्रिस्टल समान पदार्थों का होना( अधिक कैल्शियम, यूरिक एसिड और ऑक्सालेट) और यही क्रिस्टल कुछ हफ्तों व महीनो के बाद पथरी का रूप प्रपात करते है।
यह शरीर में कैसे बनती है – अलग अलग अंगों में अलग किस्मों व आकार की पथरी बनती है। एक कारण खाने में पाए जाने वाला नमक व पोटेशियम की कमी जो मूत्र कैल्शियम मल त्याग()बड़ा देती है और जब पेशाब किडनियों में से निकलता है तो वह केंद्रित होकर स्टोन का रूप लेता है। कई प्रकार के फल सब्जियों से भी इसकी बनत हो जाती है जैसे पालक, चुकंदर, अंगूर ,स्ट्रॉबेरी, हाई प्रोटीन भोजन, शीतल पेय(soft drinks) आदि।
क्यों यह अक्सर हो जाती है – खाने पीने के बाद जब खाना पाचन तंत्र से निकलता है तो जो बेकार खाना शरीर को नहीं चाहिए होता वो शरीर के खून में आ जाता है
जिससे पेशाब करने में दिक्कत आती है। अनेक कारण जैसे कम पानी पीना, कम या बहुत कसरत करना, मोटापा, वज़न घटाने की सर्जरी या अथिक मात्रा में नमक व चीनी का भोजन खाना। इन्फेक्शन्स या वंशानुगत(hereditary) स्थिति में भी इसके होने का डर होता हैं।
किडनी का स्टोन– किडनी में होने वाली पथरी( रीनल कॅल्क्युली)जो सेहत पर ज़्यादा असर करती है जो किडनी में इन्फेक्शन का डर, दर्द और पेशाब रोक देती है।रीनल कॅल्क्युली का आकार एक छोटे से कंकड़ जितना होता है जो वैज्ञानिक
हस्तक्षेप से ही निकालना पड़ता है। अगर तो स्टोन ज्यादा छोटा होता है तो वो पेशाब में निकल जाता है। यह एक या दोनों किड्नेस में हो सकती है। ज़्यादा वकत से स्टोन होना आपके यूरिनरी ट्रैक्ट(urinary tract) के अंगों, अण्डकोष दर्द (testicles), योनि दर्द की दिकत में ला सकता है जिससे आपके पेट या पीठ में दर्द शुरू हो जाएगा।
उम्र व लिंग के हिसाब से पथरी – वैसे तो स्टोन किसी भी उम्र में बन जाता है लेकिन पुरुषों में ज्यादा तर स्टोन ४५ की उम्र में बनने की कल्पना होती है और वही महिलाओं में ४० की उम्र से डर होता है। कई बार १५ साल के बच्चे में भी स्टोन प्रगट हो जाता है जिससे यही पता चलता है कि यह वंशानुगत है और बच्चे के भविष्य में फिर हो सकता है। बाकी इंसान की हरकतों पर निर्भर करता है। कुछ शारीरिक कारकों जैसे डायबिटीज, आहार आदतें, हाई ब्लड प्रेशर से भी स्टोन का रहता है। रीनल कॅल्क्युली की गिनती ज्यादातर पुरुषों में देखिए देती है।
पथरी होने के लक्षण – नीचे दिए गए कुछ रीनल कॅल्क्युली के लक्षण है :-
- शरीर के साइड और पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- उल्टी जैसा महसूस होना
- पेशाब में खून सा होना
- पेशाब करते दर्द होना
- बुखार या ठंड लगना
- पेशाब बदबूदार या जग जैसा
- भूख कम लगना
- थकावट रहना
पथरी का इलाज कैसे होता है – डॉक्टर पथरी को कुछ अनेक प्रकार से निकालते है:-
- शॉक वेव लिथोट्रिप्सी(shockwave lithotripsy)
- मूत्रवाहिनी दर्शन(ureteroscopy)
- नेफ्रो लिथोट्रिप्सी(nephrolithotripsy)
और अन्य जानकारी के लिए डॉक्टर को मिले।
कुछ सावधानियां:- सही रहने के लिए कुछ:-
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिए
- कम प्रोटीन खाएं
- बाहर का खाना कम खाएं
- नमक व चीनी की मात्रा कम करें
- रोज योग का प्रयोग करें
- दूध दही खाएं
- निम्बू का रस पिए
भारत के उत्तरी भाग से १५ % जनसंख्या को रीनल कॅल्क्युली की दिक्कत आती है।
योग के कुछ आसन जो किडनी से स्टोन आसानी से निकल सकते है जैसे उत्तानपादासन, गरुड़ासन, भुजंगासना, उष्ट्रासन आदि।