हालाँकि सभी लोगों ने अभी तक किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी और इसके उपचार के बारे में कई तरह की बातें सुनी होगी। इस बात से सभी जागरूक हैं कि जब गुर्दे की पथरी होती है, तो पथरी से छुटकारा पाने के लिए, शरीर में से गुर्दे को बाहर नहीं निकाला जाता है, पर ऐसा पित्ताशय की पथरी के दौरान बिलकुल भी नहीं होता है। जी हाँ अगर कोई व्यक्ति पित्त की पथरी का शिकार होता है, तो इससे बचाव के लिए उसके के शरीर में से पित्ताशय की थैली को बाहर निकाल दिया जाता है। दरअसल अब कई लोगों के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि, जब गुर्दे की पथरी के दौरान गुर्दे को शरीर से बाहर नहीं निकाला जाता है, तो फिर पित्त की पथरी के दौरान पित्त को क्यों बाहर निकाला जाता है। क्या पित्ताशय की थैली को बाहर निकाले बिना पथरी से छुटकारा नहीं पाया जा सकता है? अगर आपके मन में भी ऐसा ही कोई सवाल पैदा होता है, तो इस लेख के माध्यम से डॉक्टर से इसके बारे में जानकारी लेते हैं।
पित्त की पथरी से बचाव के लिए क्या पित्ताशय की थैली को निकालना जरूरी है?
आमतौर पर व्यक्ति के शरीर में चाहे पथरी गुर्दे की हो चाहे पित्त की दोनों का दर्द असहनीय होता है। जी हाँ यह सच है कि पित्त की पथरी से बचाव के लिए पित्ताशय की थैली को बाहर निकाला जा सकता है। आपको बता दें कि पित्त की पथरी के लिए सर्जरी को किया जाता है, जिसमें आमतौर पर व्यक्ति के शरीर में से पित्ताशय को शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। दरअसल इस सर्जरी को कोलेसिस्टेक्टॉमी कहा जाता है। यह एक तरह की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी है, जिसमें व्यक्ति के पेट में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है, फिर उसके बाद पित्ताशय को बाहर निकाला जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पित्ताशय की थैली को हटाने के बाद, पित्त सीधे छोटी आंत चला जाता है, जिससे व्यक्ति को भोजन पचाने में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती है।
क्या होता है, जब पित्त की थैली को बाहर निकाल दिया जाता है।
पित्त की पथरी के दौरान पित्त को बाहर निकालना बहुत जरूरी होता है। जैसे आपको हमने इसके बारे में जानकारी दी है, जब कि पित्त की पथरी के दौरान पित्त को बाहर निकाल दिया जाता है, तो उसके बाद पित्त सीधे लिवर से छोटी आंत में चला जाता है। ऐसा होने पर व्यक्ति को पाचन-तंत्र में कोई दिक्क्त नहीं आती है। हालांकि पित्त प्रवाह में बदलाव होने के कारण कभी-कभी इसका बुरा असर लिवर पर पढ़ सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पित्त की थैली निकालने के बाद व्यक्ति को कुछ इस तरह की समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।
1. पाचन से जुड़ी समस्या का होना।
2. पेट दर्द का होना।
3.मतली और उल्टी की समस्या भी हो सकती है।
4. गले में दर्द हो सकता है।
5. डायरिया या खाने के बाद ढीला मल आ सकता है, आदि।
6. व्यक्ति के वजन में हल्के बदलाव को देखा जा सकता है।
किन कारणों से पित्त की थैली को निकला जाता है
1. पित्त में पथरी का होना।
2. पित्त की थैली में सूजन होना।
3. संक्रमण होना।
4. यह बहुत दुर्लभ है पर पित्त की थैली में कैंसर होना।
5. पित्त नलिकाओं में रुकावट का होना।
6. बार-बार दर्द या गैस्ट्रिक अटैक का होना।
7. बड़ी और कई परियों का होना।
ब्लैडर निकालने की जरूरत कब नहीं पड़ती?
1. पथरी होती है, पर कोई गंभीर लक्षण न हो तो सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है। इसकी निगरानी रखी जा सकती है।
2. पेट में हल्का सा दर्द जो बार-बार नहीं होता है।
3. पित्त की पथरी के लक्षण बहुत हल्के हैं और दवा से ठीक हो रहे हैं, तो सर्जरी को टाला जा सकता है।
पित्त की थैली के बिना व्यक्ति हेल्दी कैसे रह सकता है?
दरअसल पित्ताशय की थैली निकलने के बाद व्यक्ति अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए, वह अपने आहार और लाइफस्टाइल में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव को कर सकता है। जैसे,
1. आपको अपनी डाइट से सैचुरेटेड फैट को बाहर या कम कर देने की जरूरत होती है। इसके साथ ही उसको तले हुए खाद्य पदार्थ, प्रोसेस्ड मीट, डेयरी उत्पाद, सॉस और टॉपिंग जैसी खाने की चीजों से ज्यादा से ज्यादा अपना बचाव करना चाहिए।
2. बिना पित्ताशय की थैली के स्वस्थ रहने के लिए और हेल्दी जीवन जीने के लिए आप अपनी डाइट में फाइबर के सेवन को बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही आपको अपनी डाइट में ज्यादातर साबुत अनाज, नट्स, सीड्स, गोभी, ब्रोकोली, और फूलगोभी आदि को शामिल करना चाहिए।
3. शरीर में से पित्त निकालने के बाद आपको अपनी डाइट में चीनी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा करने से आप अपने शरीर को कई तरह की समस्याओं से बचा सकते हो।
4. दिन की शुरुआत मौसमी सब्जियों और फलों से कर सकते हो। इस तरह करने पर शरीर को कई तरह की समस्याओं से बचाया जा सकता है।
5. जितना हो सके अपनी संतुलित आहार का ही सेवन करें।
6. इस मामले में आपको थोड़ा-थोड़ा और बार-बार खाने को खाना चाहिए।
7. शरीर से पित्त निकालने के बाद आपको दिन में 4 से 5 बार हल्का खाना लेना चाहिए। इससे भोजन का पाचन आसान होता है और पित्त रस का भी सही उपयोग होता है।
8. इस मामले में व्यक्ति को पानी बहुत ज्यादा मात्रा में पीना चाहिए, ऐसा करने पर शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और इससे पाचन तंत्र भी सही रहता है।
9. व्यक्ति को रोजाना हल्का व्यायाम या योग करना चाहिए, ऐसा करने से पाचन और मेटाबॉलिज्म बेहतर रहता है।
10. अगर आपको फैट पाचन में दिक्कत हो तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इस दौरान डॉक्टर आपको कुछ पाचन एंजाइम या दवाएं दे सकते हैं।
11. इस दौरान अगर आपको डायरिया या अपच लंबे समय तक रहे तो आपको डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए, क्योंकि ये संकेत हो सकते हैं कि शरीर को अनुकूलन में दिक्कत का सामना करना पढ़ रहा है।
12. पित्त की पथरी को निकालने के बाद आपको जितना हो सके मानसिक तनाव से बचना चाहिए, क्योंकि तनाव आपके पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है। इसलिए तनाव से दूर रहने के लिए ध्यान, मेडिटेशन या एक अच्छी नींद को लें।
निष्कर्ष
पित्त की पथरी दौरान व्यक्ति के असहनीय दर्द होता है,जिसके कारण उसकी दिनचर्या बहुत ज्यादा प्रभावित होती है। इसके कारण वह न ढंग से सो पाता है और ना ही कुछ खा पाता है, इसके साथ ही उसको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह सच है कि पित्त की पथरी से बचाव के लिए पित्ताशय की थैली को बाहर निकाला जा सकता है। पित्ताशय की थैली निकलने के बाद पित्त सीधे छोटी आंत चला जाता है, जिससे व्यक्ति को भोजन पचाने में कोई दिक्कत नहीं होती है। पित्त की थैली निकालने के बाद व्यक्ति को कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे पाचन से जुड़ी समस्या, पेट दर्द और मतली और उल्टी आदि हो सकती है, पर व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है। इस दौरान व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए एक अच्छी डाइट को फॉलो करना चाहिए, खूब पानी को पीना और इस दौरान अगर आपको डायरिया या अपच लंबे समय तक रहे तो आपको डॉक्टर से तुरंत जांच करवानी चाहिए, इससे अन्य समस्याओं का पता लगाया जा सकता है। अगर आपको भी पित्त में पथरी की समस्या है और आप इस से काफी परेशान हैं और आप इसका इलाज और इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप आज ही खोसला स्टोन किडनी एंड सर्जिकल सेंटर में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी ले सकते हैं।