सिस्टिटिस क्या होता है ?
सिस्टिटिस एक प्रकार का मूत्राशय संक्रमण है, जो आमतौर पर मूत्र में मौजूद बैक्टीरियल संक्रमण के बाद विकसित होने लग जाता है | सिस्टिटिस यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन में से एक है, जो विशेष रूप से महिलाओं को सबसे अधिक प्रभावित करता है | सिस्टिटिस मूत्राशय में एक प्रकार की सूजन होती है है, जो प्रभावित क्षेत्र में खुजली, लालिमा और सूजन जैसे लक्षण को उत्पन्न कर सकती है | मूत्राशय का संक्रमण एक दर्दनाक और परेशान करने वाली स्थिति को पैदा कर सकता है | कई बार कुछ मामलों में, कुछ दवाएं ऐसे भी होते है जो सिस्टिटिस होने का कारण बनते है | इसके अलावा सिस्टिटिस किसी अन्य बीमारी के चलते होने वाली तकलीफ के कारण भी हो सकता है | यदि आप ऐसे ही किसी समस्या से परेशान तो इलाज में खोसला स्टोन किडनी ऑनर सर्जिकल सेंटर आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | आइये जानते है सिस्टिटिस होने के मुख्य लक्षण और कारण क्या है :-
सिस्टिटिस होने के मुख्य लक्षण
सिस्टिटिस होने के मुख्य लक्षणों में शामिल है :-
- बार-बार पेशाब करने का आभास होना
- मूत्राशय के खली करने के बाद भी लगातार पेशाब का आना
- पेशाब से तीव्र गंध आना और धुंधली मूत्र
- पेशाब करने के दौरान जलन होने का अनुभव होना
- यूटीआई के साथ-साथ हल्का-हल्का बुखार
- संभोग के दौरान दर्द होने का अनुभव होना
- पीठ या फिर निचले हिस्से में ऐंठन होना
- पेशाब के साथ खून का आना
सिस्टिटिस होने के मुख्य कारण
सिस्टिटिस होने के मुख्य कारणों में शामिल है :-
- यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन
- कुछ दवाओं के सेवन से पड़ने वाले दुष्प्रभाव
- विकिरण यानी रेडिएशन के संपर्क में आने से
- अस्वच्छता के कारण
कैसे करें सिस्टिटिस की रोकथाम ?
सिस्टिटिस यानी मूत्राशय की सूजन को कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय को अपना सकते है :-
- अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें और कसरत के दौरान भी ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीएं |
- कैफ़िन्युक्त, फिजी या फिर अलकोहाल युक्त पदार्थ के सेवन करने से बचें |
- टाईड कपड़ें न पहने |
- जब भी पेशाब करने की इच्छा हो तुरंत करें |
- यौन संबंध बनाने के बाद पेशाब ज़रूर करें |
- बबल बाल, साबुन, परफ्यूम और पाउडर से अपना बचाव करें |
- योनि में डिओडरंट या फिर स्प्रे का उपयोग न करें |
- जननांगों की स्वच्छता को बरक़रार रखें |
कैसे किया जाता है सिस्टिटिस का इलाज ?
बैक्टीरियल संक्रमण से होने वाले सिस्टिटिस का इलाज आमतौर एंटीबायोटिक्स दवाओं से किया जाता है | हालांकि असंक्रामक सिस्टिटिस का सटीक इलाज उनके अंतनिर्हित करने पर निर्भर करता है | यदि आप भी ऐसे किसी परिस्थिति से गुजर रहे है तो इलाज के लिए आप डॉक्टर राजेश खोसला से मुलाकात कर सकते है |
खोसला स्टोन किडनी एंड सर्जिकल सेंटर के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर राजेश खोसला पंजाब के बेहतरीन यूरोलॉजिस्ट में से एक है, जो पिछले 20 वर्षों से अपने मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है, इसलिए आज ही खोसला स्टोन किडनी एंड सर्जिकल सेंटर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और परामर्श के लिए अपनी अप्पोइन्मेंट की बुकिंग करवाएं | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर सीधा संस्था से भी चयन कर सकते है |