पित्त की थैली में स्टोन होना पीड़ित व्यक्ति के लिए एक दर्दनाक स्थिति हो सकती है, जिसकी वजह से उन लोगों को अपने रोज़मर्रा कामो को करने में परेशानी हो सकती है | यदि पित्त की थैली में मौजूद स्टोन बाहर निकलने का नाम नहीं ले रहा है तो बेहतर यही है की इलाज के लिए आप किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करें | आइये जानते है पित्ताशय की पथरी को विस्तारपूर्वक से :-
पित्ताशय की पथरी क्या होता है ?
पित्ताशय शरीर में मौजूद पित्त की थैली या फिर गॉलब्लेडर एक छोटा सा अंग होता है, जो लिवर के पीछे स्थित होता है | इसके मुख्य कार्य डाइजेस्टिव फ्लूइड को एकत्रित करके, पित्त की नली से छोटी आंतों में लेकर जाना होता है | कई बार किन्ही कारणवश पित्ताशय में पथरी की समस्या उत्पन्न हो जाती है | पित्त की पथरी को अंग्रेजी में गाल स्टोन के नाम से भी जाना जाता है | इस पथरी का निर्माण पित्ताशय की थैली में होता है | यदि समय रहते पित्ताशय की पथरी का इलाज नहीं होता है तो इससे पीड़ित व्यक्ति को गंभीर दर्दनाक की समस्या से गुजरना पड़ सकता है |
पित्ताशय की पथरी तब उत्पन्न होता है, जब पित्ताशय में मौजूद कोलेस्ट्रॉल का मात्रा नियमित रूप से बढ़ने लग जाता है और इसका जमाव तीव्रता से बढ़ने लग जाता है, जिसकी वजह से यह जमाव धीरे-धीरे कठोर पदार्थ में तब्दील हो जाते है, जो पित्ताशय की पथरी का कारण बनते है | पित्त की पथरी के कारण पीड़ित व्यक्ति को असहनीय दर्द और पाचन तंत्र से संबंधित समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है |
पित्ताशय की पथरी के इलाज के लिए आप पंजाब के बेहतरीन हॉस्पिटल में से एक, खोसला किडनी स्टोन एंड सर्जिकल सेंटर से परामर्श कर सकते है | आइये जानते है क्या पित्ताशय की पथरी को निकलवाना ज़रूरी होता है :-
क्या पित्ताशय की पथरी का निकलवाना अनिवार्य है ?
कुछ निम्नलिखित कारण है, जिसकी वजह से पित्ताशय की पथरी को निकालना अनिवार्य हो जाता है :-
- यदि आपके पित्ताशय में मौजूद पथरी का आकार काफी बढ़ गया है तो इससे इन्फेक्शन होने का जोखिम कारक बढ़ सकता है, जिसकी वजह से पित्ताशय की पथरी को निकलवाना बेहद आवश्यक हो जाता है | लेकिन कई बार स्थिति गंभीर होने पर पित्ताशय की थैली को निकालने की भी ज़रुरत पड़ सकती है |
- पित्ताशय की पथरी का जड़ से इलाज करने के लिए पित्ताशय की थैली को शरीर से अलग करना, एकमात्र टिकाऊ उपाय माना जाता है | यदि यह प्रकिया लैप्रोस्कोपी सर्जरी के ज़रिये किया जाता है तो इससे दुष्प्रभाव पड़ने की संभावना काफी कम हो जाती है |
- यदि पित्ताशय की पथरी से जुड़ी कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे है तो इसके इलाज की कुछ खास ज़रुरत नहीं पड़ती, वहीं अगर पित्त की नली में रुकावट जैसी परेशानी हो रही है तो हो सकता है आपकी पित्ताशय की पथरी के सर्जरी को करवाने की आवश्यकता पड़ जाए |
- अधिकतर मामलों में पित्ताशय की पथरी से पीड़ित व्यक्ति को पित्ताशय की थैली को निकलवाने के लिए लैप्रोस्कोपी सर्जरी को करवाने की सलाह दी जाती है, जिसमें कट भी बहुत बड़ा नहीं होता और मरीज़ रिकवर भी बहुत जल्दी हो जाता है |
पित्ताशय की पथरी के इलाज के कौन-से डॉक्टर सहयोगी होते है ?
पित्ताशय की पथरी के इलाज के लिए, आम-तौर पर शल्य चिकित्सा की आवश्यकता पड़ जाती है, जिसमें पित्ताशय की थैली को शरीर से ही निकाल कर अलग कर दिया जाता है, इस प्रक्रिया को कोलेसिस्टेक्टोमी कहा जाता है | यह लैप्रोस्कोपी या फिर कीहोल सर्जरी के माध्यम से किया जाता है, जिसमें छोटे छेद के ज़रिये इस सर्जरी की प्रक्रिया को किया जाता है |
अब अगर बात करें पित्ताशय की पथरी के इलाज के लिए कौन-से डॉक्टर सहयोगी होते है, इसके इलाज के लिए निम्नलिखित विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते है :-
- गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट
- पेट के सर्जन
- यूरोलॉजिस्ट आदि |
यदि आप में कोई भी व्यक्ति पित्ताशय की पथरी की समस्या परेशान है तो स्थायी रूप से इलाज के लिए आप डॉक्टर राजेश खोसला से मिल सकते है | डॉक्टर राजेश खोसला पंजाब इ बेहतरीन यूरोलॉजिस्ट में से एक है, जो पिछले 20 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप से इलाज कर, उनकी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद कर रहे है | इसलिए आज ही खोसला स्टोन किडनी एंड सर्जिकल सेंटर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |