जब आपके पेट का मासपेशियां काफी कमज़ोर हो जाता है और इस मासपेशी में छेद करके एक अंग उभरकर बहार को नज़र आता है उसे हर्निया कहते है | हर्निया सामन्य रूप से पीड़ित के पेट या फिर जांघ और नाभि के आस-पास हो सकता है | इसके ज्यादातर मामले जानलेवा नहीं होते, लेकिन कुछ मामलों में सर्जरी करवानी पड़ जाती है | आइये जानते है यह कितने प्रकार के होते है:-
यह मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते है:-
- इनगुइनल हर्निया:- इनगुइनल हर्निया को आम होने वाले हर्निया रोग में से एक माना जाता है क्योंकि 100 में से 70 प्रतिशत मामले इनगुइनल हर्निया के ही होते है | यह हर्निया पेट के अंदरूनी कमज़ोर मांसपेशी में छेद करके आंते बाहर की तरफ नज़र आने लगते है |
- हाइटल हर्निया:- इस हर्निया के दौरान गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स की समस्या पैदा हो जाती है | जिस कारण पेट की सामग्री का रिसाव भोजन नलिका में होता है जिससे जलन जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है | इस हर्निया के मामले ज़्यादातर 50 से अधिक वर्ष वाले लोगो पर देखा गया है |
- अम्बिलिकल हर्निया:- इसके मामले 6 महीने से भी कम आयु वाले बच्चों पर पाया जाता है | यही एकमात्र ऐसा हर्निया है जिसमे बच्चों के सिर्फ मांसपेशियां मजबूत करने से दूर किया जा सकता है |
- इनकिशनल हर्निया:- यह मामले सिर्फ उन लोगों में पायी जाती है जिनकी पहले से ही सर्जरी हुई हो, क्योंकि आंते सर्जरी हुए क्षेत्र या फिर कमजोर मांसपेशियों पर ही काफी नकारात्मक प्रभाव डालती है |
- स्पोर्ट्स हर्निया:- यह हर्निया पेट के निचले भाग या पेट और जांघ के आस-पास के हिस्से में तनाव या टिश्यू के फटने के कारण उत्पन्न होता है |
हर्निया का उपचार कैसे करे ?
हर्निया का इलाज उसकी गंभीरता और आकर को देखकर ही किया जाता है | इसके उपचार का सुझाव आपको एक्सपर्ट्स द्वारा जांच के बाद ही दिया जा सख्त है, क्योंकि कई मामलों को दवाइयों से ठीक किया जा सकता है लेकिन कई मामलों में सर्जरी करवाने का सुझाव दिया जाता है | इसलिए बेहतर यही है की आप सही डॉक्टर के पास जाकर निरीक्षण कराएं | इसके लिए आप खोसला स्टोन किडनी & सर्जिकल सेंटर से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के डॉकर्स उरोलोजिस्त में एक्सपर्ट है |