गुर्दे की पथरी काफी ही दर्दनाक मंजर होता है, उस व्यक्ति के लिए जो इस परेशानी को झेल रहा होता है। इसलिए आज का लेख खास उन लोगों के लिए है, जो इस परेशानी से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते है। तो चलिए शुरुआत करते है आज के इस लेख की।
गुर्दे की पथरी क्यों होती है ?
गुर्दे में पथरी होने की वजह को हम निम्न में प्रस्तुत कर रहे ;
- डॉक्टरों का कहना है कि जब व्यक्ति पानी कम पीता है तो उसके शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से शरीर में पथरी बनने की समस्या उत्पन हो जाती है।
- जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड मूत्र नली में अधिक अम्लीय बन जाती है. जिस कारण यह अम्लीय गुर्दे की पथरी बनने का मुख्य कारण मानी जाती है।
- जब मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड और सिस्टीन जैसे कुछ पदार्थों की मात्रा बढ़ने लगती है, तो वह एक ठोस पदार्थ का रूप ले लेता है और धीरे-धीरे इसका आकार बढ़ जाता है, जो अंत में पथरी का रूप धारण कर लेती है।
गुर्दे की पथरी क्यों होती है। इसके बारे में और विस्तार से जानने के लिए आप गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ पंजाब से जरूर संपर्क करे और इसके बारे में अच्छे से जानने के बाद इस बीमारी का जड़ से खात्मा करने में डॉक्टर का सहयोग ले।
गुर्दे की पथरी में कौन-सा टेस्ट कराए ?
गुर्दे की पथरी के बारे में अच्छे से जानने के लिए निम्न टेस्ट को जरूर से करवाए ;
- पेट का एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और सीटी स्कैन के मदद से किडनी स्टोन के बारे में आप अच्छे से जान सकते है।
- रक्त परीक्षण को करवाना।
- ब्लड यूरिया नाइट्रोजन और क्रिएटिनिन की मदद से अगर आपके गुर्दे के असामान्यता के कारण रक्त में कुछ अपशिष्ट पदार्थ अगर आ जाए तो इस टेस्ट की मदद ले।
- यूरिनलिसिस की मदद से मूत्र नली की असमान्यता के बारे हम जान सकते है।
इन समस्त टेस्टो को करवाने के बाद आप बेस्ट यूरोलॉजिस्ट लुधियाना से जरूर सम्पर्क करे।
गुर्दे की पथरी का इलाज क्या है ?
इसके इलाज को अलग- अलग सर्जिकल तरीको से किया जाता है। जिसको हम निम्न में प्रस्तुत कर रहे है ;
- ईएसडब्लुएल, प्रक्रिया में सर्जन सटीक उच्च-ऊर्जा शॉक तरंगों की एक श्रृंखला जारी करता है। जो गुर्दे की पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है, और ये पथरी मूत्र मार्ग से बाहर आ जाती है।
- यू.आर.एस.एल में सर्जन मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्रवाहिनी मार्ग में एक पतला, लंबा फाइबर-ऑप्टिक यूरेरोस्कोप सम्मिलित करता है। इसमें पत्थरों को बाहरी एक्स-रे और इमेजिंग परीक्षणों से स्थित किया जाता है। फिर लेजर की मदद से पथरो को छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है और इकट्ठा करके बहार निकाल लिया जाता है।
- आरआईआरएस प्रक्रिया में, सर्जन मूत्रमार्ग तक पहुंचने का मार्ग बनाते हैं। इसमें कोई कट या छेद शामिल नहीं है। वही सर्जन गुर्दे तक पहुंचने और पथरी का पता लगाने के लिए एक ऑप्टिक एंडोस्कोप का उपयोग करते हैं।
सुझाव :
किडनी में पथरी की समस्या होने पर मूत्राशय नली में भी काफी परेशानी आती है। इसलिए इस परेशानी से आप यदि जल्दी ही निजात पाना चाहते है। तो खोसला स्टोन किडनी एन्ड सर्जिकल सेंटर के सम्पर्क में जल्दी आए और इस समस्या से निजात पाए।